
Vivek Shukla
October 2, 2025
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आखिर किसके ध्यान में मग्न रहते हैं भगवान शिव ?
महादेव त्रिदेव में सबसे शक्तिशाली माने जाते हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश शामिल हैं। इसी कारण महादेव को देवाधिदेव भी कहा जाता है।ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा विष्णु के अलावा सभी देवी देवता गण उन्हें अपना आराध्य मानते है और उनकी पूजा करते है।पद्यः पुराण के उत्राखंड के अनुसार ,एक बार माता पार्वती ने महादेव से पूछा कि उनकी समाधि में रहते समय वे किसका ध्यान करते हैं। इस पर महादेव ने कहा कि उन्हें इस प्रश्न का उत्तर बहुत जल्दी देंगे।
कुछ दिनों बाद, महादेव जी बुद्ध कौशिक ऋषि के स्वप्न में आए और ऋषि को आदेश दिया कि वह "राम रक्षा स्तोत्र" लिखें। हालांकि, ऋषि कौशिक ने स्वप्न में ही भगवान महादेव से विनम्रता के साथ कहा कि वह "राम रक्षा स्तोत्र" लिखने में असमर्थ हैं। इस पर भगवान महादेव ने स्वप्न में पूरा राम रक्षा स्तोत्र सुनाया।
अगले ही दिन, ऋषि कौशिक ने उसे लिख दिया। इसके बाद, महादेव ने माता गौरी से कहा, "हे देवी, मैं हमेशा राम नाम का स्मरण करता हूँ, यह सुन लो, गौरी।"
फिर उन्होंने महादेव से पूछा, "हे स्वामी, श्री राम तो विष्णु जी के अवतार हैं। आप जो हमेशा कैलाश पर्वत पर समाधि में रहते हैं, वास्तव में आप किसका ध्यान करते हैं?" इस पर महादेव ने उत्तर दिया, "मैं उस समय अपने आराध्य देव का ध्यान करता हूँ।"इसके बाद भगवान महादेव ने जवाब दिया, "हे देवी, मैं श्री राम का स्मरण इसलिए करता हूँ क्योंकि जैसे प्यासे मनुष्य व्याकुलता के साथ पानी को याद करते हैं, उसी प्रकार मैं भी आकुल होकर श्री विष्णु जी के साक्षात्कार स्वरूप का स्मरण करता हूँ। जिस प्रकार सर्दी का सताया हुआ संसार अग्नि का स्मरण करता है , वैसे ही देवता, पितृ, ऋषि और मनुष्य निरंतर भगवान विष्णु का चिंतन करते रहते हैं।जैसे पवित्र नारी सदा पति को याद करती है, वैसे ही आतुर मनुष्य किसी निर्भय आश्रय को खोजता फिरता है, धन का लोभी धन का चिंतन करता है, और पुत्र की इच्छा रखने वाला मनुष्य पुत्र के लिए लालायित रहता है। उसी प्रकार मैं भी श्री विष्णु जी के रूप में राम का स्मरण करता हूँ, क्योंकि पूर्वकाल में भगवान विष्णु द्वारा निर्मित सम्पूर्ण जगत कर्म के अधीन हैं और वह कर्म श्री केशव के अधीन है। श्री राम नाम के जप से उसका नाश होता है, और राम नाम विष्णु जी के सहस्त्र नाम के बराबर है। इसलिए मैं हमेशा राम नाम का स्मरण करता हूँ।"
परंतु यह एक अद्भुत संयोग है, भगवान राम स्वयं भगवान शिव की आराधना करते हैं। देवों के देव महादेव, जो हमेशा कैलाश पर्वत पर समाधि में लिप्त रहते हैं, वास्तव में वह किसका ध्यान करते हैं? महादेव उस समय अपने आराध्य देव का ध्यान करते हैं। पूजा के लिए पुरोहित की बुकिंग अब बस कुछ ही क्लिक दूर है। बस हमारी वेबसाइट pujapurohit.in पर लॉग ऑन करें या प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से पूजा पुरोहित ऐप डाउनलोड करें, अपनी पसंदीदा भाषा और स्थान चुनें, अपना वांछित पंडित चुनें, तिथि और समय चुनें और आपका काम हो गया। हमारे पुरोहित निर्धारित तिथि और समय पर आपके दरवाजे पर पहुंचेंगे और अत्यंत समर्पण और भक्ति के साथ पूजा करेंगे। अभी बुक करें और दिव्य आशीर्वाद का अनुभव करें।
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